Monday, July 20, 2015
सोहन सिंहंजी में कभी अहंकंकार नहीं: मोहनराव भागवत
-राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिश्ठ प्रचारक सोहन सिंह की स्मृति में तालकटोरा
स्टेडियम में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन
राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में षनिवार षाम राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिश्ठ
प्रचारक सोहन सिंह की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में
राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत, भारत सरकार के केंद्रीय
मंत्री राजनाथ सिंह, विष्व हिंदू परिशद के संरक्षक अषोक सिंघल ने उन्हें श्रद्धांजलि
दी। सोहन सिंह जी का निधन गत 4 जुलाई को हुआ था। 5 जुलाई को निगम बोध
घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।
सोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने
कहा कि जगत में सदैव के लिए कोई नहीं आता। भगवान को भी जाना पड़ता है।
कुछ लोग आते हैं और जीवन कैसा जीना बताते हैं। सोहन सिंह जी का स्वयंसेवकों
के साथ परिवार जैसा संबंध था। कार्यकर्ताओं के बारे में जाँच पड़ताल करवाने वालों
में से एक थे। उनके जाने से रिक्तता पैदा हुई है लेकिन ऐसे लोगों के प्रति उनका
स्मरण और आगे चलने के लिए रखे। कैसे चलना उन्होंने हमें सिखाया। सभी
वक्ताओं के उद्बोधन में करीब एक जैसी बातें थीं, चाहे उनका संबंध रहा हो या
नहीं। सोहन सिंह जी के काम करने में कोई नाटक नहीं था। उन्होंने बड़ा होने के
लिए कुछ नहीं किया। सहज और स्वाभाविक रूप से रहे। उनका अभिभावक का
भाव था, चिंता जरूर करते थे। उनके मन में कभी भी अहंकार का भाव नहीं आया
कि दूसरों को सिखाने वाला हूँ। उनसे संपूर्ण समर्पण हमें सीखना चाहिए। संघ के
कार्यकर्ता को कैसा होना चाहिए, व्यवहार कैसा होना चाहिए यह भी हमें सीखना
चाहिए। सोहन सिंह जी का स्मरण किया जा सकता है। उनके जीवन को अपने
आचरण से जीवित रखना है। अपने जीवन से उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। उस
परम्परा को आगे बढ़ाना है, उन्हें ज्यादा आनंद मिलेगा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सोहन सिंह जी से मेरा व्यक्तिगत और नजदीक
का परिचय नहीं था लेकिन उनके बारे हर किसी ने यही कहा कि कर्मयोगी थे।
उनके जीवन से लगता है कि साधारण कार्यकर्ता अपने जीवन में असाधारण कर
सकता है। ऐसे व्यक्तित्व के बारे में सुनकर लगता है कि पद के कारण ही बड़ा
नहीं हुआ जा सकता, अपनी कृतियों से भी बड़ा हो सकता है। अंतिम दिनों में भी
उन्होंने किसी सहयोगी को सेवा के लिए नहीं लिया। भारत की संस्कृति का उपासक
बड़े मन का होता है। बड़े मन का व्यक्ति ही आध्यात्मिक होता है। वे एक
आध्यात्मिक व्यक्तित्व थे। ऐसे व्यक्तित्व के लिए श्रद्धांजलि की जरूरत नहीं होती।
ऐसे लोगों का व्यक्तित्व लोगों के लिए प्रेरणा बन जनता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि के तौर पर संदेष भेजा। संदेष में कहा गया कि
सोहन सिंह जी अपने जीवन में आचार संहिता के पालन में उंच-नीच नहीं होने दी।
ऐसे व्यक्तित्व का चला जाना खालीपन का अहसास कराता रहेगा। संदेष आलोक
कुमार ने पढ़कर सुनाया।
विष्व हिन्दू परिशद के संरक्षक अषोक सिंहल ने कहा कि मेरा सोहन सिंह जी से
परिचय 1953-54 में हुआ। उनके द्वारा निर्मित कार्यकर्ताओं का जीवन भी उनकी
तरह ही कठोर रहा। उस काल में प्रचारक पद्धति की आवष्यकता थी और सोहन
सिंह प्रचारक बने। वे स्वतंत्रता से पूर्व प्रचारक निकले। व्यतिगत संबंध ज्यादा नहीं
आया लेकिन जितना भी संबंध आया उससे यही कहा जा सकता है वे कर्म कठोर
थे। उनका जीवन जैसा जीवन आज हो तो देष फिर से अच्छी स्थिति में पहुंच
सकता है।
उत्तर क्षेत्र के संघचालक डाॅ बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि व्यक्ति निर्माण कला के
मर्मज्ञ थे। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को उन्होंने गढ़ा। कार्यकर्ताओं की खूब संभाल करते
थे। वे कर्तव्य कठोर थे। अत्यंत परिश्रम करते थे, बहुत लोगों ने देखा होगा। एक
वर्ग में रात के वक्त स्वयं घड़ों में पानी भरा। स्वयं के लिए बहुत कठोर थे।
अस्वस्थता के बारे में किसी से कुछ नहीं बोलते थे। अंतिम दिनों में भी खुद से ही
अपने कपड़े धोए। ऐसे श्रेश्ठ कार्यकर्ता का जीवन हमें प्रेरणा देता रहेगा। समारोह में
रेवासा पीठाधीष्वर संत राघवाचार्य वेदांती और राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल
भारतीय प्रचार प्रमुख सुरेष चंद्र ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह में राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेष सोनी, दत्तात्रेय
होसबले, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य, सह प्रचार प्रमुख जे नंद
कुमार, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अरुण कुमार, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख
सुरेष चंद्र, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डाॅ बजरंग लाल गुप्त, दिल्ली के प्रांत
संघचालक कुलभूशण आहुजा, पंजाब के प्रांत प्रचारक किषोर कांत, दिल्ली के प्रांत
प्रचारक हरीष चंद्र, भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री डाॅ हर्शवर्धन, हरियाणा के
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बीजेपी के राश्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, प्रदेष
संगठन मंत्री सिद्धार्थन, षिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के अतुल कोठारी, दीनानाथ
बत्रा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद के संगठन मंत्री सुनील अंबेकर आदि समेत
सैकड़ों की तादाद में संघ के स्वयंसेवक और संघ से जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता
मौजूद थे।
कार्यक्रम के समापन पर सभी ने मौन रखने के बाद षांति मंत्र किया। राश्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ सह प्रांत संघचालक आलोक कुमार ने मंच संचालन किया।
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