RSS-Vagish Issar
Friday, September 1, 2017
ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना इस प्रकार बनायी है कि ना तो हम अपनी पीठ थपथपाता सकते हैं और ना स्वयं को लात मार सकते हैं। इसलिए जीवन में मित्र और आलोचक दोनों का होना ज़रूरी है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment