Thursday, April 14, 2016

सामाजिक समरसता मंच, दिल्ली प्रान्त नई दिल्ली, 14 अप्रैल, 2016 (इंविसंके). सामाजिक समरसता मंच द्वारा आज भारत रत्न बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की 125वीं जयंती को उत्सव के रूप में मनाया गया. सामजिक समरसता मंच के संयोजक महंत ओमप्रकाश गिहारा जी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने संसद भवन के प्रांगण में बाबा साहेब के प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया. जिसमें बीजेपी से सांसद सुश्री मीनाक्षी लेखी, उदित राज, सतीश उपाध्याय (दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी), दुष्यंत गौतम जी (अखिल भारतीय अध्यक्ष, अनुसूचित जाति मोर्चा, बीजेपी) एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रान्त के प्रान्त संघचालक मा. कुलभूषण आहूजा जी, प्रान्त सह संघचालक मा. आलोक कुमार जी, श्री ओमप्रकाश जी, श्री इन्द्रजीत जी, श्री मदन महतो जी एवं प्रान्त कार्यवाह श्री भारत जी भी मुख्य रूप से उपस्थित थे. संसद मार्ग पर सामाजिक समरसता मंच के स्टाल में बाबा साहेब के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए, सभी भगिनि/बंधुओं ने संकल्प लिया कि बाबा साहेब के सभी दूरदर्शी विचारों को सम्पूर्ण भारतवर्ष में जन-जन तक पहुंचाएगें. सामाजिक समरसता मंच द्वारा यह स्टाल बाबा साहेब के जयंती के उपलक्ष्य में पहली बार लगाया है. जिसका एक मात्र लक्ष्य है, समूचे भारत में समाज के सभी धर्म-समुदाय के हरेक तबके के लोगों तक “सामाजिक समरसता” का संदेश पहुंचे. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रान्त के सह संघचालक मा. आलोक कुमार जी ने बाबा साहेब के दूरदर्शी विचारों को याद दिलाते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर जी ने कहा था - “मैं चाहता हूँ कि लोग सर्वप्रथम भारतीय हों और अंत तक भारतीय रहें, भारतीय के अलावा कुछ भी नहीं.” बाबासाहेब ने सर्व समावेशी दृष्टि की बात कही है. जो देशवासियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. इस वाक्य से बाबासाहेब की विराट दूरदर्शी सोच का पता चलता है कि डॉ. साहब कितने उच्च एवं विराट विचार से सम्पन व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. भारतीय संस्कृति में तप बड़ी चीज है. इस तप की शिक्षा और प्रेरणा हम सभी भारतवासियों को बाबा साहेब के जीवन से वर्तमान समय में सीखने की आवश्यकता है. सुश्री मीनाक्षी लेखी ने इस अवसर पर बाबा साहेब को याद करते हुए कहा कि – आज बाबासाहेब जी कि ही देन है कि हम भारतीय महिलाएं अपना वोट दे पाती हैं. डॉ. साहब ने भारतीय संविधान में यह अधिकार नहीं दिया था, बल्कि सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकारण का आगाज किया था. मैं जब-जब यह सुनती कि बाबासाहेब दलित नेता थे, तो मुझे बहुत पीड़ा होती है. बाबासाहेब किसी धर्म-समुदाय या जाति विशेष के नेता नहीं थे. बाबासाहेब सर्वधर्म-संप्रदाय के नेता थे. बाबा साहेब जैसे महापुरुष धरती पर कभी-कभी ही अवतरित होते हैं. बाबासाहेब महापुरुष थें, इंसानों के मसीहा थे, आज भी हैं और सदा ही रहेंगे. पुष्पांजलि कार्यक्रम के अंत में सामजिक समरसता मंच के संयोजक महंत ओमप्रकाश गिहारा जी ने उपस्थित सभी भगिनि/बंधुओं को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि हमें आज से दृढ निश्चय के साथ संकल्प लेना है कि आज से भारतवर्ष के अंतर्गत जन-जन तक “सामजिक समरसता” का संदेश पहुचाएंगे. बाबा साहेब के जयन्ती को आप सभी के सहयोग से आने वाले समयों में और धूमधाम से मनाएंगे. ताकि, बाबासाहेब के विराट दूरदर्शी सपनों को साकार किया जा सके.

Tuesday, April 5, 2016

RSS-Vagish Issar: श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्रा वस्तुओं को सौंपकरगौ...

RSS-Vagish Issar: श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्रा वस्तुओं को सौंपकरगौ...: श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्रा वस्तुओं को सौंपकर गौरवान्वित अनुभव करूंगा -रक्षामंत्राी मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय सिख संगत का एक शिष्ट मण्डल ...
श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्रा वस्तुओं को सौंपकर गौरवान्वित अनुभव करूंगा -रक्षामंत्राी मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय सिख संगत का एक शिष्ट मण्डल राष्ट्रीय महामंत्राी संगठन श्री अविनाश जायसवाल जी की अध्यक्षता में रक्षामंत्राी श्री मनोहर पर्रिकर जी से मिला। शिष्ट मण्डल में राष्ट्रीय सिख संगत के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. अवतार सिंह शास्त्राी, एवं श्री कृष्ण जी-मुख्य रक्षाध्किारी थे। शिष्ट मण्डल ने सिख मर्यादा के अनुसार श्री पर्रिकर जी का शाॅल एवं सिरोपा देकर सम्मान किया। शिष्ट मण्डल ने उनका आभार और कतृज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आप भारतमाता और भारतवर्ष के जनमानस की सेवा कर रहे हैं, यह अपने आप में एक बहुत ही हर्ष का विषय है। आपसे विनम्र निवेदन है कि तत्कालीन सरकार ने जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब पर आक्रमण करके तथा बाद में वहां से कुछ बहुत ही ऐतिहासिक एवं पौराणिक वस्तुएं सेना ने एहतिहातन तौर पर अपने कब्जे में ले ली थीं। अब पंजाब में काला दौर एक अतीत की बात हो गई है। सब जगह सुख-शान्ति है। वो ऐतिहासिक व पौराणिक वस्तुएं श्री अकाल तख्त साहिब व हरिमंदिर साहिब को पुनः समर्पित की जाएं। पूरा सिख जगत इन वस्तुओं को वहां सुशोभित करना चाहता है। अगर आपके माध्यम से यह पवित्रा कार्य सम्पन्न होता है तो पूरे विश्व की सिख संगतें आपका आभार प्रकट करेंगी। रक्षामंत्राी सत्कारयोग श्री मनोहर पर्रिकर जी ने शिष्ट मण्डल को विश्वास दिलाया कि यदि कोई भी ऐसी पवित्रा वस्तु सेना के पास है तो उसे मैं अतिशीघ्र संबंध्ति रक्षाध्किारियों एवं रक्षा विभागों से बातचीत कर उन्हें सिख गुरुद्वारा प्रबंध्क कमेटी-अमृतसर को सौंपने में गौरव महसूस करूंगा। शिष्ट मण्डल ने सत्कारयोग मंत्राी महोदय को ध्यान में लाया कि वर्ष 2016-17 सर्वंशदानी श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व वर्ष है। श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी उस समय के ऐसे यो(ा हुए जिन्होंने मुगल साम्राज्य की जडे़ं हिलाकर महाराजा रणजीत सिंह जी के खालसा राज्य के रूप में केसरिया निशान पफहराकर हिन्दुस्थान को पिफर से गौरवान्वित किया। रक्षा मंत्राी ने विश्वास दिलाया कि वर्तमान भारतीय सेनाएं श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की परम्परा को बनाए रखने में अपना ऐतिहासिक योगदान डाल रही हैं। उनका 350वां प्रकाश पर्व भारतीय सेनाओं के लिए चानन मीनार का काम करेगा। डाॅ. अवतार सिंह शास्त्राी राष्ट्रीय महासचिव एवं मीडिया प्रभारी 9958989011 राष्ट्रीय सिख संगत

Monday, March 28, 2016

RSS-Vagish Issar: ऐसा श्रेष्ठ भारत बनाना है कि दुनिया खुद बोले भारत ...

RSS-Vagish Issar: ऐसा श्रेष्ठ भारत बनाना है कि दुनिया खुद बोले भारत ...: ऐसा श्रेष्ठ भारत बनाना है कि दुनिया खुद बोले भारत माता की जय - मोहन भागवत लखनऊ,28 मार्च राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा....
ऐसा श्रेष्ठ भारत बनाना है कि दुनिया खुद बोले भारत माता की जय - मोहन भागवत लखनऊ,28 मार्च राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन मधुकर राव भागवत ने सोमवार को चारबाग के समीप ए.पी.सेन मार्ग स्थित भारतीय किसान संघ के कार्यालय रज्जू भैय्या स्मृति भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण, किसान संघ के वीरेन्द्र सिंह, क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य मधुभाई कुलकर्णी, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के प्रचार प्रमुख कृपा शंकर,पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना प्रमुख रूप से उपस्थित थे। रज्जू भैय्या स्मृति भवन को केवल स्मृतियों तक ही सीमित न रखें इस अवसर पर बोलते हुए संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि रज्जू भैया स्मृति भवन महापुरूषों की स्मृतियों से जुड़ा है, लेकिन इस भवन को केवल स्मृतियों तक ही सीमित न रखें बल्कि इससे जुड़े महाषुरूषों के आदर्शों को आगे बढ़ायें। सरसंघचालक ने कहा कि जिस विचार के आधार पर हम काम करते हैं उसी विचार की अभिव्यक्ति के लिए नया भवन बना है। कार्यालय के वातावरण से कार्यकर्ताओं को कार्य करने की ऊर्जा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसके स्मृति में यह भवन बना है वे देश में लोगों के सामने एक आदर्श जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके आदर्श जीवन का दर्शन कार्यालय में भी दिखना चाहिए। भवन में आने वाला हर कोई अपना कुटुम्ब समझे और सभी को यहां पर आदर्श कार्य की अनुभूति हो। पं. दीनदयाल उपाध्याय, भाउराव देवरस, अटल बिहारी वाजपेयी के स्मृतियों के साथ जुड़ा यह भवन, वैसा ही सर्वस्पर्शी स्वरुप दिखे, ऐसा प्रयास करना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि कोई भी ‘भवन’ अपने कार्य के विस्तार का हिस्सा होता है। ऐसा भवन बनने के बाद काम पूरा नहीं होता, यह एक पड़ाव है। जिस विचार के लिए यह भवन बना है, उस विचार की अभिव्यक्ति भी होनी चाहिए। कहा कि ‘‘भवन के रख-रखाव से लेकर क्रियाकलाप तक महापुरुषों के स्मृतियों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा। इस भवन से जुड़े हुए लोगों को अपना जीवन, अपना आचरण उसी दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेकर कार्य करेंगे, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। दुनिया का पेट भरने के लिए भारत का किसान खेती करता है सरसंघचालक ने कहा कि देश में भारतीय दर्शन के आधार पर कृषि का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का किसान दुनिया का पेट भरने के लिए खेती करता है। वह सिर्फ अपने खाने के लिए नहीं। पूरी दुनिया कृषि को वृत्ति के नजरिये से देख रही है। जबकि भारत सभी आजीविका के क्षेत्र को अपना कर्तव्य मानकर कार्य करता है। कम से कम श्रम में अधिक से अधिक कामाना, यह कुशलता नहीं है, जितना कमायेंगे उससे अधिक कार्य करेंगे, यह हमारी विशेषता है। भारतीय विचार के आधार पर कृषि क्षेत्र में कार्य करना ही भारतीय किसान संघ का कार्य है। भारत माता की जय किसी पर थोपने की जरूरत नहीं सरसंघचालक ने कहा कि हमें अपने आचरण द्वारा ऐसा श्रेष्ठ भारत बनाना है कि लोग खुद भारत माता की जय बोलें। यह किसी पर थोपने की जरूरत नहीं है। हमें अपने जीवन से सारे विश्व को एक दिशा देनी है। अपनी पद्धति अपने विचार किसी पर थोपने की जरूरत नहीं हैं बल्कि सारे विश्व को अपना मानने की आत्मीयता होनी चाहिए। ‘‘सारी दुनिया में ‘भारत माता की जय’ कहलाने के लिए विश्व के सामने जीवन के आदर्शो व उपलब्धियों को प्रेरणा के रुप में खड़ा करना होगा। किसी पर थोपना नहीं है। कहाकि उत्तम जीवन को खड़ा करने का उपक्रम संघ ने शुरू किया है। संकटों से निजात पाने के लिए दुनिया भारती की ओर देख रही है सरसंघचालक जी ने कहा कि आज दुनिया संकटों से जूझ रही है। संकटों से निजात पाने के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि अपने जीवन के उत्तम आचरण से पूरी सृष्टि को शिक्षा देना। दुनिया ने दोनों रास्ते के आधार को देख लिया है। पहला आस्तिक, दूसरा नास्तिक। दुनिया व्यक्ति व समूह को भी देखा है लेकिन टिकने वाला सुख नहीं मिल रहा है। दुनिया को तीसरा रास्ता भारत से मिलेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान संघ के वीरेन्द्र सिंह ने रज्जू भैया स्मृति भवन के इतिहास के बारे में बोलतते हुए कहा कि इस नवनिर्मित भवन का नाम राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के चैथे सर संघ चालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रखा गया है। इससे पहले इस भवन में जनसंघ का कार्यालय हुआ करता था। इस भवन में रज्जू भैया, भाऊराव देवरश, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी सहित तमाम हस्तियां रुकती रही हैं। उत्तर भारत में संघ कार्य का विस्तार केन्द्र यही कार्यालय हुआ करता था। इस मौके पर संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी, संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष, क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख रामलखन सिंह, सह क्षेत्र धर्मजागरण प्रमुख रामचन्द्र पाण्डेय, आशीष गौतम, प्रान्त संघ चालक प्रभु नारायण श्रीवास्तव, रामनिवास जैन, विभाग कार्यवाह प्रशान्त भाटिया, महापौर डा. दिनेश शर्मा, विधान परिषद सदस्य हृदय नारायण दीक्षित, डा. लक्ष्मी कान्त वाजपेयी, भारत दीक्षित समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

Monday, March 21, 2016

RSS-Vagish Issar: नई दिल्ली, 21 मार्च, 2016 (इंविसंके). अखिल भारतीय ...

RSS-Vagish Issar: नई दिल्ली, 21 मार्च, 2016 (इंविसंके). अखिल भारतीय ...: नई दिल्ली, 21 मार्च, 2016 (इंविसंके). अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के द्वारा भारत के जनजातियों के तैयार किए गये “नीति दृष्टिपत्र – 2015...
नई दिल्ली, 21 मार्च, 2016 (इंविसंके). अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के द्वारा भारत के जनजातियों के तैयार किए गये “नीति दृष्टिपत्र – 2015” का लोकार्पण आज सायं नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में संम्पन हुआ. इसमे मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरकार्यवाह श्री सुरेश भैय्या जी जोशी, विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार में ग्रामीण विकास एवं प.रा. मंत्री माननीय चौ. बिरेन्द्र सिंह, भारत सरकार में उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास के माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह, भारत सरकार में मंत्री पर्यावरण, वन एवं ज.प. माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर उपस्थित रहें. विशेष उदबोधन माननीय जनजाति कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदेवराम उरांव जी ने दिया. इनके आलावा चंद्रकांत देव, महामंत्री, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम एवं विष्णुकांत जी महामंत्री, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के साथ-साथ वनवासी कल्याण आश्रम, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष श्री शांतिस्वरूप बंसल जी एवं वनवासी कल्याण आश्रम, दिल्ली प्रांत के महामन्त्री श्री राकेश गोयल जी भी उपस्थित रहें.