Wednesday, October 25, 2017

राष्ट्रीय सिख संगत द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी का 350 साला प्रकाशपर्व के निमित तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली में 25 अक्टूबर को संम्पन हुआ । कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी गृह मंत्री श्री राज नाथ सिंह, सिख संगत के अध्यक्ष सरदार गुरचरन सिंह गिल ने संबोधित किया । कई केंद्रीय मंत्री भी कार्यक्रम में सम्लित हुए । स्टेडियम पूरी तरह से खचा खच भरा हुआ था ।

Monday, October 23, 2017

सिक्खों की अपनी अलग पहचान और धर्म है । आरएसएस

प्रेस नोट सिक्खों की अपनी अलग पहचान और धर्म है :- बृजभूषण सिंह बेदी पंजाब के प्रांत संघचालक ने कहा-सिक्ख धर्म और गुरूबाणी के प्रति संघ रखता है पूर्ण श्रद्धा एवं आस्था! जालन्धर, 23 अक्तूबर (वि.सं.कें.)। सिक्ख भी जैन और बौद्ध की भांति ही एक सामाजिक-धार्मिक मान्यता प्राप्त धर्म है और सिक्खों की एक अलग पहचान है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्पष्टता के साथ सिक्ख धर्म को मानता है व हमेशा से ही सिख धर्म की अलग पहचान को मान्यता देता आया है। यह बात आज यहां एक विज्ञप्ति में संघ के पंजाब प्रांत के संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी ने कही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रचार विभाग पंजाब द्वारा माननीय बृजभूषण सिंह बेदी के हवाले से जारी इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस विषय पर संघ का दृष्टिकोण तभी स्पष्ट हो गया था जब 2001 में केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन वाईस चेयरमैन त्रिलोचन सिंह और संघ के माधव गोविंद वैद्य के बीच बैठक हुई थी। संघ के तत्कालीन अखिल भारतीय प्रवक्ता श्री माधव गोविन्द वैद्य जी ने स. तरलोचन सिंह जी को लिखित रूप में देकर यह तथ्य पुष्ट किया था कि सिक्ख भी जैन और बौद्ध की भांति भारतीय मान्यता प्राप्त धर्म है। श्री बेदी ने कहा कि यह विषय सर्वविदित होने के बावजूद भ्रामक बयानबाजी के जरिए इस विषय को लेकर संघ के विरुद्ध इन दिनों प्रचार किया जा रहा है। इसीलिए यह प्रचारित करना कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं राष्ट्रीय सिख संगत सिखों के स्वतंत्र रूप को नहीं मानती, तथ्यों के विरुद्ध और भ्रामक है। उन्होंने अपने इस ताजा वक्तव्य में कहा कि वह सिक्ख समाज के समक्ष इस विषय को पुन: स्पष्ट कर रहे हैं कि सिक्ख एक अलग पहचान के साथ अन्य धर्मो की तरह भारतीय मान्यता प्राप्त धर्म है और संघ की श्री गुरू ग्रंथ साहिब और गुरूबाणी के प्रति पूर्ण निष्ठा और आस्था है। संघ गुरूबाणी के विश्वव्यापी प्रचार एवं प्रसार में सदैव सहयोगी रहा है। इसीलिए संघ अपने सभी कार्यक्रमों और शाखाओं में भी गुरुओं के प्रकाशोत्सव और सिक्ख धर्म से सम्बन्धित अन्य सभी पर्व एवं त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाता है। गुरुओं का बलिदान व सिखों ने जो देश, धर्म, व मानवता के लिए किया है उसके लिए देश व राष्ट्र ऋणी रहेगा। संघ हमेशा उनके आगे नतमस्तक है व रहेगा।

Tuesday, October 10, 2017

Sushma Swaraj ji at Sankalp programme at New Delhi https://youtu.be/jam_saoFhT4

Friday, October 6, 2017

श्रीमती सुषमा स्वराज जी का संकल्प व्याख्यान माला 2017 नई दिल्ली में भाषण का लिंक https://youtu.be/BoeXwhN0XTA
डॉ कृष्ण गोपाल जी सहसरकार्यवाह आरएसएस का संकल्प व्याख्यान माला 2017 भाषण नई दिल्ली में https://youtu.be/YTwTO_u-hm8 part1 https://youtu.be/4z0T-49GQss
राष्ट्रहित का गला घोंट कर छेद न करना थाली में। मिट्टी वाले दीये जलाना  .. अबकी बार दीवाली में। देश के धन को देश में रखना,  नहीं बहाना नाली में मिट्टी वाले दीये जलाना  अबकी बार दीवाली में। बने जो अपनी मिट्टी से, वो दीये बिके बाजारों में, छिपी है वैज्ञानिकता अपने सभी तीज-त्योहारों में। चायनीज झालर से आकर्षित कीट पतंगे आते हैं, जबकि दीये में जलकर बरसाती कीड़े मर जाते हैं। कार्तिक और अमावस वाली,  रात न सबकी काली हो। दीये बनाने वालों की अब  खुशियों भरी दीवाली हो।  अपने देश का पैसा जाए,  अपने भाई की झोली में। गया जो पैसा दुश्मन देश, तो लगेगा राइफल की गोली में। देश की सीमा रहे सुरक्षित चूक न हो रखवाली में। मिट्टी वाले दीये जलाना अबकी बार दीवाली में।